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शिमला में सीआईडी अधिकारी बनकर तीमारदार से ठगे 29,000 रुपये, नशा तस्करी के नाम पर ली तलाशी

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विनोद ठाकुर ट्राइबल टुडे

आईजीएमसी से लक्कड़ बाजार जा रहे एक तीमारदार को सीआईडी अफसर का रौब दिखाकर आरोपी ने 29,000 रुपये की रकम ऐंठ ली और मौके से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया है।
राजधानी शिमला में सीआईडी अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करने का मामला सामने आया है। आईजीएमसी से लक्कड़ बाजार जा रहे एक तीमारदार को सीआईडी अफसर का रौब दिखाकर आरोपी ने 29,000 रुपये की रकम ऐंठ ली और मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने उसे चलौंठी क्षेत्र में दबोचने में कामयाबी हासिल की है। आरोपी की पहचान मिथुन निवासी कोटखाई के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी से ऐंठी गई रकम भी बरामद कर ली है।

जानकारी के अनुसार शिमला जिले के रोहड़ू निवासी 63 वर्षीय हरिलाल 10 अप्रैल को पत्नी का इलाज करवाने के लिए आईजीएमसी लेकर आए थे। शुक्रवार को वह आईजीएमसी से लक्कड़ बाजार की ओर कंबल खरीदने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में एक व्यक्ति ने उन्हें अपनी कार में लिफ्ट दी। बातचीत के दौरान आरोपी ने खुद को सीआईडी का अफसर बताया और पीड़ित की नशा तस्करी में संलिप्त होने का डर दिखाकर तलाशी ली। इसी दौरान आरोपी ने बुजुर्ग की जेब से 29,000 रुपये निकालकर ऐंठ लिए। इसके बाद आरोपी ने उन्हें जबरन कार से उतारकर फरार हो गया।

बुजुर्ग ने फौरन इस बारे में शोर मचाया तो आसपास के लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी का पीछा किया और उसे चलौंठी क्षेत्र में पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 307 के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू की। पुलिस ने ठगी में इस्तेमाल की गई गाड़ी को भी कब्जे में ले लिया है। बताया जा रहा है कि यह गाड़ी भी आरोपी की नहीं है और उसने किसी परिचित या दोस्त से ली थी। पुलिस को आशंका है कि यह कोई गिरोह हो सकता है, जो अस्पताल के आसपास तीमारदारों को निशाना बना रहा है। पिछले कुछ समय से इस तरह के मामले सामने आ रहे थे। इसको देखते हुए पुलिस संदिग्ध लोगों पर नजर भी रख रही थी। आरोपी के कब्जे से लूटे गए 29,000 रुपये भी बरामद कर लिए हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी के बाद अस्पताल परिसर के आसपास हुए इसी तरह की ठगी के मामलों के खुलासे हो सकते हैं।

चोरी और एनडीपीएस का केस पहले भी है दर्ज
आरोपी मिथुन के खिलाफ शहर के अन्य थानों में चोरी और एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है। आरोपी इस तरह से ठगी की वारदात को अंजाम देता था किसी उसे पकड़ना मुश्किल हो जाता था। वह पहले जरूरतमंद व्यक्ति से हमदर्दी जताकर बातचीत करता और फिर खुद को खुफिया एजेंसी से जुड़ा अधिकारी बताकर पैसे ऐंठ लेता था। इसके लिए वह अस्पताल परिसर में ही पहले रैकी करता था और फिर मौका मिलते ही लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देता था।

आईजीएमसी और आसपास के क्षेत्र में तीमारदारों से ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ के आधार पर अन्य मामलों में इसकी संलिप्तता को लेकर भी जांच कर रही है- एसएसपी शिमला, संजीव कुमार गांधी