श्रीखंड में बर्फ नहीं रोक पाएगी भक्तों के कदम
रास्ते पर पिछले साल की अपेक्षा कम मिलेंगे ग्लेशियर
18570 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शनों को जाने वाले भक्तों को इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा कम बर्फ और ग्लेशियर मिलेंगे। जबकि कुछेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त रास्तों को सुधारने की बेहद आवश्यकता है। जुलाई माह में शुरू होने वाली श्रीखंड यात्रा को लेकर रास्तों की रैकी करने गया दल वापस लौट आया है। आठ सदस्यीय इस दल ने यात्रा के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह को सौंप दी है। यह रिपोर्ट तीन जून को श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट की निरमंड में होने वाली बैठक में एसडीएम निरमंड द्वारा ट्रस्ट की चेयरमैन एवं डीसी कुल्लू को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद रिपोर्ट में बताए गए सुझावों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के बाद यात्रा शुरू होने स पहले उन पर काम किया जाएगा। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार दो तीन स्थानों पर यात्रा से पहले काम करने की बेहद जरूरत है।
रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष 31 जुलाई की रात को पहाड़ी पर बादल फटने के बाद आई बाढ़ में भीम डवारी के पास कुछ मीटर की खाई बन गई है, जहां रास्ता बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां बाकायदा रास्ता बनाने और एक वैकल्पिक पुल लगाने की बेहद जरूरत है। इसके अलावा ब्राहटी नाला के पास रास्ता काफी क्षतिग्रस्त है, जिसे भी यात्रा से पहले दुरुस्त करने की अतिआवश्यकता है। श्रीखंड जाने वाले रास्ते की कुछेक जगहों पर हल्की सी ही मरम्मत की जरूरत है, जबकि पार्वती बाग से ऊपर श्रीखंड महादेव की चोटी तक रास्ते बिल्कुल सही हैं।