बिलासपुर की कामधेनु संस्था देश की बेस्ट मिल्क को-ऑपरेटिव सोसायटी
37 लीटर दूध की कलेक्शन से की गई शुरुआत आज हर दिन 40 हजार लीटर पहुंची, मेहनत के दम पर बनाई पहचान
संदीप भारद्वाज ट्राइबल टुडे
हिमाचल और हिमाचलीयत की सेवा करने, प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देने और देश-दुनिया में नाम कमाने वालों का ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ हमेशा से सम्मान करता आया है। प्रदेश व समाज के लिए कुछ हटकर करने वालों को सम्मान हमारी प्राथमिकता में शामिल है। ऐसी ही प्रतिष्ठित विभूतियों, संगठनों व संस्थाओं के प्रयासों को प्रणाम करने का एक जरिया है ‘दिव्य हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड। इस बार भी ‘दिव्य हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड-2024’ की ‘सर्वश्रेष्ठ गैर सरकारी संस्थान (एनजीओ)’ श्रेणी में शुमार हैं ‘कामधेनु संस्था’…
अश्वनी पंडित-बिलासपुर
बिलासपुर की कामधेनु संस्था अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के दम पर आज देश की बेस्ट मिल्क को-ऑपरेटिव सोसायटी बन चुकी है। अक्तूबर 2001 में लगभग एक दर्जन लोगों के सहयोग से खड़ी की गई संस्था का डंका आज पूरे भारत में बज रहा है। संस्था ने दो दशक से अधिक समय में उल्लेखनीय प्रगति की है और इसके उत्पादों को इनकी गुणवत्ता के कारण हिमाचल में एक अलग पहचान मिली है। बिलासपुर की दुग्ध क्षेत्र में प्रदेश में अग्रणी संस्था कामधेनु हितकारी मंच नम्होल को भारत सरकार के पशुपालन मंत्रालय की ओर से बेस्ट डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी घोषित कर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया है। पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपए संग प्रशस्ति पत्र दिया गया है। संस्था के अध्यक्ष नानक चंद व सचिव जीतराम कौंडल ने बताया कि शुरुआत में प्रतिदिन 37 लीटर दूध की कलेक्शन थी।
इसके बाद लोग संस्था के साथ जुड़ते चले गए और आज 5400 परिवारों के सहयोग से 40 हजार लीटर दूध की प्रतिदिन कलेक्शन की जा रही है। सालाना कारोबार 70 करोड़ रुपए से अधिक का है। जिला में 12 मिल्क कलेक्शन सेंटर वर्किंग में हैं और सोलन में प्रस्तावित छह मिल्क कलेक्शन सेंटर जल्द वर्किंग में आएंगे। सोलन व बिलासपुर की 70 पंचायतों में संस्था के माध्यम से 150 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से व 70 युवाओं को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हो रहा है। कामधेनु संस्था को 15 अप्रैल, 2012 को हिमाचल सरकार द्वारा ‘हिमाचल गौरव’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
एचडीएम
उपलब्धियां
भारत सरकार ने गोपाल रत्न पुरस्कार से किया सम्मानित
अवार्ड के साथ पांच लाख रुपए नकद इनाम, प्रशस्ति पत्र
15 अप्रैल, 2012 को हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित
संस्था से जुड़े 5400 परिवारों के लिए गौरव की बात
सोलन में प्रस्तावित छह मिल्क कलेक्शन सेंटर जल्द आएंगे वर्किंग में
सालाना 70 करोड़ रुपए का कारोबार कर रही संस्था
सोलन-बिलासपुर की 70 पंचायतों के युवाओं को दिया रोजगार
उचित दाम और बेहतर क्वालिटी के दम पर चमकाया संस्था का नाम
मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए खर्च किए जा रहे दो करोड़
संस्था के अध्यक्ष नानक चंद के अनुसार नम्होल में हर रोज 40 हजार लीटर दूध एकत्रित हो रहा है, जबकि मिल्क पाईश्चराइजेशन प्लांट की क्षमता 30 हजार लीटर है। ऐसे में अब दो करोड़ रुपए की लागत से रि-इंस्टॉलेशन प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है। मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लगने से मिल्क प्रोसेसिंग की क्षमता 30 हजार लीटर से बढक़र 45000 लीटर हो जाएगी। इसके अलावा दही और पनीर तैयार करने के लिए भी संयंत्र लगेंगे।
कामधेनु कैफे नम्होल में बिलासपुरी धाम का जायका
संस्था के अध्यक्ष नानक चंद ने बताया कि नम्होल में कामधेनू कैफे कम रेस्टोरेंट भी कार्यरत है, जहां बिलासपुरी धाम के अलावा कामधेनु ब्रांड की गाय के दूध की मिठाइयां उपलब्ध हैं। यहां की बिलासपुरी धाम जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर में मशहूर है। बिलासपुर इंडस्ट्रियल एरिया में एक यूनिट है, जहां स्वीट मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ आईसक्रीम व बेकरी जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
उत्पादों की गुणवत्ता से हिमाचल में एक अलग पहचान
वर्तमान में इस संस्थान द्वारा नम्होल में प्रतिदिन 30 हजार लीटर दूध क्षमता का मिल्क पाश्चराइजेशन प्लांट, कैटल फीड प्लांट विभिन्न स्थानों पर मिल्क कलेक्शन सेंटर, कामधेनु कैफे सहित लगभग 12 करोड़ रुपए के अधोसंरचना स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अलावा भड़ोलीकंला में 8.63 करोड़ रुपए की लागत का मिल्क प्लांट बनकर तैयार है। अध्यक्ष व सचिव के अनुसार कामधेनु संस्था किसानों, पशुपालकों तथा उपभोक्ताओं, तीनों के हितों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है तथा संस्था ने 22 वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है और उत्पादों को इनकी गुणवत्ता के कारण हिमाचल में एक अलग पहचान मिली है। भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित गोपाल रत्न पुरस्कार होना संस्था से जुड़े पांच हजार से अधिक परिवारों के लिए गौरव का विषय है।