Himachal PradeshKangra

CM से आस, जलाड़ी पुल को भी देखें एक बार, लोगों ने लगाई फरियाद, कई महीनों से है काम बंद

Spread the love

लोगों ने सरकार के कांगड़ा प्रवास के चलते लगाई फरियाद, कई महीनों से काम बंद

विनोद ठाकुर ट्राइबल टुडे

सरकार के कांगड़ा प्रवास को आठ साल से निर्माणाधीन जलाड़ी पुल आइना दिखा रहा है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांगड़ा प्रवास में जलाड़ी पुल को भी एक नजर देख लें। इस निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने के बाद ठेकेदार को तो ब्लैक लिस्ट कर दिया और उस पर जुर्माना भी 22 लाख रुपए लगा दिया, लेकिन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई न हुई और वह अपने कार्यालय में आज भी डटे हुए हैं। सरकार ने भरोसा दिलाया था कि छह महीने में इस पुल को तैयार कर दिया जाएगा, लेकिन पुल नहीं बना। लोगों का कहना है कि अपनी कुर्सियों पर डटे अधिकारी जांच को प्रभावित कर सकते हैं। अलबत्ता लपेटे में आए अधिकारियों को सरकार ने चार्जशीट किया था, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोग हैरान हैं कि फिर ऐसी जांच पड़ताल का क्या फायदा कि जो अधिकारी अपनी कुर्सियों पर डटे हुए हैं, वे कहते हैं कि ऐसे अफसरों पर भी कार्रवाई हो और इस पुल को तुरंत प्रभाव से बनाया जाए। पिछले डेढ़-दो दशक से हिमाचल सरकार हर वर्ष शीतकालीन प्रवास पर कांगड़ा पहुंचती हैं।

कांगड़ा को उदघाटन, शिलान्यास एवं घोषणाओं की सौगातें भी मिलती हैं लेकिन कांगड़ा के चंगरवासियों के लिए सरकार के प्रवास में भी ज्वलंत मांगों पर अधिकतर मायूसी ही हाथ लगती है। खरठ को जोडऩे वाला जलाड़ी पुल पिछले आठ साल से निर्माणाधीन है। अप्रैल, 2023 में घटिया निर्माण के चलते पूरा होने से पहले ही यह पुल धराशायी हो गया था। सिर्फ पुल के बीच लगाया जा रहा पिल्लर जमीन से बमुश्किल बाहर नजर आया है। कई माह से काम फिर बंद है। बता दें कि नौ अगस्त, 2017 को दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस पुल का नींव पत्थर रखा था। इस पुल के गिर जाने के बाद भी किसी की
कोई तबज्जो नहीं है। उल्लेखनीय है कि चंगर क्षेत्र की दर्जन भर पंचायतों की जनता को पुल न होने से 20 से 25 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर कर आवागमन करना पड़ता है।