संजौली मस्जिद तोडऩे पर स्टे, जिला अदालत ने इस डेट तक नगर निगम शिमला से मांगा जवाब
संजौली मस्जिद को लेकर वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जिला अदालत ने मस्जिद को तोडऩे पर स्टे लगा दिया। अदालत ने सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं, जिसके बाद अदालत ने नगर निगम शिमला आयुक्त कोर्ट के फैसले पर स्टे लगाते हुए अगली सुनवाई के लिए 29 मई को तय की है। 29 मई की सुनवाई में शिमला नगर निगम को जवाब फाइल करना होगा। निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने तीन मई को पूरी मस्जिद को गैर कानूनी बताते हुए इसकी निचली दो मंजिलें भी तोडऩे के आदेश दिए थे। मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिल को तोडऩे के आदेश बीते साल पांच अक्तूबर को दिए जा चुके हैं। निगम आयुक्त ने इसे तोडऩे के आदेश देने से पहले वक्फ बोर्ड को कई बार मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज देने और मस्जिद का नक्शा देने का मौका दिया, लेकिन वक्फ बोर्ड इसका कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। ऐसे में नगर निगम कोर्ट ने मस्जिद को अवैध घोषित कर निचली दोनों मंजिलों को तोडऩे के आदेश दिए थे।
इसके बाद वक्फ बोर्ड ने आयुक्त कोर्ट के आदेश की कॉपी ली और वक्फ बोर्ड के आयुक्त के साथ इस बारे में चर्चा की। उसके बाद ही वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत में अपील करने का फैसला लिया। वहीं जिला अदालत ने नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेशों पर स्टे लगा दिया है और नगर निगम आयुक्त से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड भी मस्जिद के 100 साल पुराने दस्तावेज जिला अदालत में पेश करेगा। उधर, वक्फ बोर्ड संपदा अधिकारी केडी मान ने कहा कि हमने नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेशों की कॉपी मिलने के बाद वक्फ बोर्ड के आयुक्त से इस बारे में चर्चा की। उनके आदेशों के बाद हमने जिला अदालत में अपील दर्ज की।