अब आपका घर भी होगा डिजिटल, सरकार ला रही यह नया सिस्टम, आप भी जानिए
अब घर का बनेगा आधार कार्ड, आपके घर की होगी अलग पहचान, अब आपके साथ आपका घर भी होगा डिजिटल, ऑनलाइन डिलीवरी होगी आसान, सरकार ला रही नया सिस्टम
कितना अच्छा लगता है जब खुद की एक पहचांन होती है और लोग आपको उस पहचान से जानते हैं और वही आपकी ताउम्र पहचान बन जाती है, जी हाँ आज हम बात करेंगे आधार कार्ड की, आपने अब तक लोगों के आधार कार्ड के बारे में सुना होगा लेकिन अब आपके साथ- साथ आपके घर का भी आधार कार्ड बनेगा। आधार को डिजिटल इंडिया की पहचान माना जाता है क्यूंकि अब सब डिजिटल है तो आपकी पहचान भी डिजिटल होनी चाहिए, और अब इसी कड़ी में आपके घर की पहचान भी डिजिटल होने जा रही है क्यूंकि सरकार अब एक और डिजिटल आईडी लाने की तैयारी में है। दरअसल सरकार चाहती है कि लोगों के घर का पता, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मैट्रिक्स के अंदर शामिल कर लिया जाए। ठीक उसी तरह जिस तरह, आधार नंबर हर नागरिक की पहचान के लिए जरूरी बना, उसी तरह यह डिजिटल आईडी घर और जगह की पहचान बनेगा, आपको बता दे की फ़िलहाल इस तरह की कोई व्यवस्था हमारे देश में नहीं है जिससे किसी के घर का सटीक पता मिल सके, वहीँ इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी व्यक्ति का पता तभी साझा किया जाए जब वह स्पष्ट रूप से सहमति दे।
इस नए सिस्टम का नाम डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (DIGIPIN) है। प्रधानमंत्री के ऑफिस की सीधी निगरानी में चल रही इस सिस्टम की तैयारियां डाक विभाग कर रहा है। और ये 10 अक्षर वाला एक अल्फान्यूमेरिक कोड होगा जो किसी भी घर या जगह की लोकेशन को सटीक तरीके से बताएगा। यह सिस्टम भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा होगा और इसका मकसद एड्रेस से जुड़ी जानकारी को डिजिटल रूप से मैनेज करना, सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन को बेहतर बनाना और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर आपके ट्रेडिशनल पिनकोड से अलग होगा, क्यूंकि यह ज्यादा सटीक होगा और ग्रामीण, पहाड़ी क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से काम करेगा ।
सरकार इस इनिशिएटिव को अगले कुछ महीनों में लागू करने की योजना बना रही है। इस सिस्टम का ड्राफ्ट जल्द ही पब्लिक सुझावों के लिए जारी किया जाएगा। और 2025 के अंत तक इसे अंतिम रूप देने की योजना है, और संसद के शीतकालीन सत्र में इसके लिए एक विशेष कानून पारित किया जा सकता है।
चलिए अब आपको बताते इसकी जरुरत क्यों पड़ी
फ़ूड डिलीवरी से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग और कूरियर सेवाओं का चलन अब पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है और जाहिर सी बात है की इन सेवाओं का लाभ लेने के लिए आपका पता यानि एड्रेस बिलकुल सही होना चाहिए, लेकिन भारत के मौजूदा एड्रेस सिस्टम में कई समस्याएं हैं जैसे पते अधूरे या अस्पष्ट होते हैं, अलग-अलग तरीकों से लिखे जाते हैं, या फिर सही लोकेशन की बजाय सिर्फ लैंडमार्क्स पर आधारित होते हैं। इससे डिजिटल सिस्टम में पता पहचानना मुश्किल होता है और सर्विसेज की डिलीवरी में देरी होती है। वहीँ सरकारी अध्ययनों के अनुसार, गलत एड्रेस की वजह से सालाना भारतीय अर्थव्यवस्था को लाखों का नुकसान होता है | और अगर यह सिस्टम लागू हो जाता है तो यह आधार और UPI की तरह सबकी ज़िन्दगी का एक महत्ब्पूर्ण हिस्सा बन जाएगी। तो दर्शकों आपकी इस नई योजना पर क्या राय रहेगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।