Himachal Pradesh

पहाड़ी लहसुन की खुशबू से महके बाहरी राज्यों के बाजार, इतने करोड़ का हो चुका है कारोबार

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सोलन-सिरमौर के सफेद सोने की तामिलनाडू-गुजरात-दिल्ली-हरियाणा में डिमांड

मंडी में पहुंचने वाले सोलन और सिरमौर के लहसुन का तडक़ा अब साउथ इंडिया के तामिलनाडू और गुजरात में भी लगने लगा है। रोजाना भारी खेप लहसुन की बाहरी राज्यों को भेजी जा रही है। अब तक सोलन मंडी में 80.32 क्विंटल लहसुन पहुंच चुका है, जिससे अब तक सात करोड़ का कारोबार हो चुका है। इससे एपीएमसी को भी मुनाफा हुआ है। एपीएमसी से प्राप्त जानकारी अनुसार पहुंचे लहसुन से एपीएमसी को भी सात लाख रुपए का मुनाफा हुआ है, जिसे विकास कार्यों पर खर्चा जाएगा। बता दें कि अभी तक सोलन से 80 प्रतिशत लहसुन व सिरमौर से 50 प्रतिशत लहसुन पहुंच चुका है, जो कि मंडी में आना लागतार जारी है। किसानों को लहसुन के बेहतर दाम मिल रहे हैं।

मंडी में पहुंचने वाले लहुसुन के किसानों को क्वालिटी के हिसाब से दाम मिल रहे हैं। गोली लहुसुन के 40 रुपए, मीडियम क्वालिटी लहसुन के 50 से 80 तथा उच्च क्वालिटी लहसुन 100 से 120 रुपए किलो दाम दिए जा रहे हैं। गौर रहे कि शुरूआती दौर में बारिश के अधिकतर किसानों का लहसुन गीला हो चुका था, जिस कारण किसानों द्वारा मंडी में लाए गए लहसुन के दाम कम थे, लेकिन अब सूखे लहसुन की भारी खेप मंडी पहुंच रही है, जिसको लेने के लिए बाहरी राज्यो के आढ़ती पहुंचे हुए हैं। गौर रहे कि अभी साउथ इंडिया के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब को लहसुन की भारी खेप जा रही है। एपीएमसी का मानना है कि यदि सप्लाई और क्वालिटी इसी प्रकार बनी रही, तो आने वाले दिनों में व्यापार का आंकड़ा और ऊंचाई छू सकता है। मंडी में इस समय लहसुन कारोबारियों और किसानों की चहल-पहल बनी हुई है।

एपीएमसी के अध्यक्ष रोशन ठाकुर ने बताया कि मंडी में लहसुन की भारी खेप पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक मंडी में 80.32 क्विंटल लहसुन पहुंच चुका है। अब तक सात करोड़ का लहसुन बिका है, जिससे एपीएमसी को सात लाख का मुनाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि मंडी में लहसुन के आने का सिलसिला लगातार जारी है।