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चम्बा में नेपाल की कला संस्कृति का आदान प्रदान रिस्पांसिबल टूरिज्म और लिविंग हेरिटेज मीट के तहत किया जा रहा आयोजन….

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नेक सिंह ठाकुर (चम्बा)

अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला में चलो चंबा अभियान के तहत रिस्पांसिबल टूरिज्म एंड लिविंग हेरिटेज मीट का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान जिला प्रशासन व नाट आन मैप संस्था की ओर से चलाया जा रहा है, जो कि तीन अगस्त तक चलेगा। इसी कड़ी में जिला चंबा व नेपाल की कला और संस्कृति का आदान-प्रदान किया गया। इसके तहत जहां नेपाल के प्रतिनिधियों ने वहां के विभिन्न तरह के व्यंजन बनाकर खिलाए। नेपाली रसोई से सेल रोटी, ढकने, आलू का अचार तथा चंबयाली रसोई से सेब का मधरा, माह की दाल, बबरू, दही वाले आलू, पतरोडु, खमोद, चंबयाली धाम प्रमुख व्यंजन रहे। चंबा के लोगों ने अपनी कला संस्कृति व खानपान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पहली बार चंबा के ब्याह शादी में गाए जाने वाले गीतों पर महिलाओं ने चर्चा की साथ इसकी डॉक्यूमेंटेशन के लिए कदम आगे बढ़ाए। नेपाल के एक वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सिविल इंजीनियर केदार शर्मा ने लोगों को जिम्मेदार पर्यटन पर जागरूक किया। केदार शर्मा सतत पर्यटन के प्रबल समर्थक हैं। शर्मा ने बताया कि पर्यावरण पत्रकारिता, स्थानीय भोजन, जंगलों और खेती में गहरी रुचि के साथ, वह अब इलाम में एक होमस्टे चलाते हैं और नेपाली संस्कृति पर एक चित्रात्मक शब्दकोश लिख रहे हैं। शर्मा का मानना है कि पर्यटन केवल आर्थिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक सेतु है, जो ग्रामीण समुदायों को सशक्त बना सकता है। उन्होंने नॉट ऑन मैप और चलो चंबा अभियान को लेकर की गई पहल की सराहना की, जो जिम्मेदार यात्रा के माध्यम से गांवों में आत्म-सम्मान और गरिमा को पुनर्जीवित कर रही हैं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि पर्यटकों को सतत यात्रा, सम्मान और स्थानीय अनुभवों की प्रामाणिकता को प्राथमिकता देने के लिए संवेदनशील बनाना जरूरी है। उन्होंने चंबा में रिस्पांसिबल एवं संस्टेनेबल टूरिज्म को लेकर किए जा रहे प्रयासों को एक शानदार माडल बताया। इस दौरान उन्होंने चंबा के पारंपरिक व्यंजनों की भी खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि चंबा के पारंपरिक व्यंजन काफी स्वादिष्ट व पौष्टिक हैं। यहां के लोग भी शानदार व मिलनसार हैं। व्हाय नॉट ऑन मैप संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि जिला में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की जा रही है, जिसका उद्देश्य इस खूबसूरत क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने लाना है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों को जिम्मेदार पर्यटन से जोड़ना है। नॉट ऑन मैप संस्था इस दिशा में बखूबी कार्य कर रही है। चंबा अपनी मनमोहक पर्वत श्रृंखलाओं, हरी-भरी वादियों और कल-कल बहती रावी नदी के लिए जाना जाता है। यहां के प्राचीन मंदिर, जैसे लक्ष्मी नारायण मंदिर, और डलहौजी, खज्जियार जैसे सुरम्य स्थल हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। लेकिन, इसके अलावा भी जिला चंबा के ग्रामीण के क्षेत्र में बहुत खूबसूरत स्थल हैं। नई पहल के तहत चंबा के स्थानीय व्यंजनों, हस्तशिल्प और लोक कलाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि पर्यटक यहां की समृद्ध संस्कृति का अनुभव कर सकें।—————-मीट में चंबा से पीयूष राज, चंचल सारोहलू , वीना, उमा, पलक जसरोटिया, दीक्षा तूर, रेणु शर्मा, मनुज शर्मा, राजेश, ज्योति, हिमानी, शिवानी, गौरव शर्मा यति, मगनदीप, विकास, तनविंदर, बुद्धी सिंह, सुरेंद्र, मिस्टिक विलेज से अमित, रजत, नेपाल से केदार नाथ शर्मा, किरन, मध्यप्रदेश से प्रोफेसर मनोज सिंह, मृदुला सिंह, दिल्ली से कुमार अनुभव, बिहार से सौरभ शुक्ला, कोलकाता से अजोय रॉय, मधुरा दत्ता, सिलीगुड़ी से राज बासु के अलावा उषा शर्मा, शांति देवी, मंगलेश शर्मा, अमन कुमार साहिल कुमार, सुमनी, सुरेश कुमार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ——————रिस्पांसिबल टूरिज्म एंड लिविंग हेरिटेज मीट के माध्यम से देश विदेश की संस्कृति लोक कला और खानपान में बारे में प्रतिभागी जान रहे हैं। जिम्मेदार पर्यटन को लेकर लगातार बेहतर प्रयास किया जा रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।कुमार अनुभव, संस्थापक नॉट ऑन मैप। ———————-रिस्पांसिबल टूरिज्म एंड लिविंग हेरिटेज मीट एक ऐसा माध्यम बना है, जो कि देश व विदेश लोगों को आपस में जोड़ रहा है। जिम्मेदार पर्यटन को लेकर किए रहे प्रयास सफल होते जा रहे हैं, जिसका लोगों को काफी लाभ मिल रहा है। राज बासु, टूरिज्म गांधी ऑफ इंडिया।