आर्मी ने रुकवाया शोंगटोंग प्रोजेक्ट का काम
किन्नौर में निर्माणाधीन बिजली प्रोजेक्ट पर नया विवाद, 18 मार्च को अनकंट्रोल्ड ब्लास्टिंग के आरोप लगाए,
संवाददाता संदीप भारद्वाज ट्राइबल टुडे,
किन्नौर जिला में सतलुज नदी पर बन रहे शोंगटोंग बिजली प्रोजेक्ट पर नया विवाद हो गया है। 450 मेगावाट क्षमता का यह प्रोजेक्ट पहले ही डेडलाइन से लेट है और अब इंडियन आर्मी ने इसके काम को आपत्ति जताते हुए रुकवा दिया है। इसी प्रोजेक्ट एरिया में आर्मी का आयुध डिपो है, जिसे चीन बॉर्डर के कारण स्थापित किया है। आर्मी ने आरोप लगाया है कि 18 मार्च को इस प्रोजेक्ट की टनल के लिए अनकंट्रोल्ड ब्लास्ट किया है। इस तरह के ब्लास्ट की भू-गर्भीय हलचल आयुध डिपो के लिए खतरा हो सकती है। राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में सेना ने इस बार ब्लास्टिंग को तुरंत बंद करने को कहा है। यह प्रोजेक्ट राज्य सरकार की एजेंसी पावर कारपोरेशन के पास है और पावर कारपोरेशन ने 18 मार्च को किसी भी तरह की ब्लास्टिंग से इनकार किया है। ऊर्जा निगम का कहना है कि टनल में काम इससे पहले से ही नहीं चल रहा है। अब यह विवाद मुख्य सचिव के स्तर पर आ गया है। मुख्य सचिव ने दोनों पक्षों से तथ्य मंगवाए हैं। इसके बाद इस मामले में अब भारत सरकार से हस्तक्षेप करवाना जरूरी हो गया है। गौरतलब है कि 450 मेगावाट का शोंगटोंग बिजली प्रोजेक्ट पहले ही डेडलाइन से लेट चल रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 मार्च, 2023 को एक बैठक कर इस प्रोजेक्ट के लिए जुलाई 2025 की डेडलाइन तय की है। पावर कारपोरेशन ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर 2012 में फाइनल किया था।
यदि यह प्रोजेक्ट कमीशन हो जाए तो राज्य को हर साल करीब 1400 मिलियन यूनिट बिजली देगा। यह एक रन ऑफ द रिवर प्रोजेक्ट है, जो कड़छम वांगतू प्रोजेक्ट से ऊपर सतलुज बेसिन में बन रहा है। इससे पहले भी आर्मी ने इस प्रोजेक्ट को लेकर आपत्तियां जताई थी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि भारत सरकार की एजेंसी से ही इस प्रोजेक्ट को लेकर क्लीयरेंस हुई है। इससे पहले संयुक्त बैठकों में प्रोजेक्ट को लेकर सहमति बन गई थी। यह मामला सुलझाने के लिए सभी विकल्पों को देख रहे हैं।