औद्योगिक बिजली सबसिडी पर अब मुख्यमंत्री लेंगे फैसला
लगातार दो दिन चर्चा के बाद भी नहीं हो पाया निर्णय सीएम के पास गई फाइल
सबसिडी से सरकार पर पड़ रहा 900 करोड़ का बोझ
विनोद ठाकुर ट्राइबल टुडे
हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को सरकार बिजली सबसिडी दे रही है, मगर इस साल सरकार पर सबसिडी का बोझ कुछ ज्यादा पड़ गया है, जिससे अब सरकार की चिंता बढ़ गई है। सचिवालय में दो दिनों से अधिकारी इस पर मंथन कर रहे हैं, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास फाइल गई है और वह अंतिम निर्णय लेंगे। हो सकता है कि जल्द इस मामले में कोई निर्णय हो जाए। सूत्रों के अनुसार बुधवार को भी सचिवालय में बिजली बोर्ड के अधिकारी पहुंचे थे, क्योंकि प्रोपोजल उनकी तरफ से सरकार को आया है। यहां बिजली बोर्ड के चेयरमैन संजय गुप्ता भी सचिवालय पहुंचे थे, वहीं सचिव राकेश कंवर के साथ भी अधिकारियों की इस सिलसिले में चर्चा हुई है। मंगलवार को उनके साथ इस पर बैठक हो चुकी है और मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया गया है। बुधवार को इस पर सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं हो पाया। यहां बता दें कि इस साल उद्योगों को दी जाने वाली बिजली सबसिडी का करीब 900 करोड़ रुपए का बोझ सरकार पर पडऩे वाला है और सरकार चाहती है कि इसे किसी भी तरह से कम किया जाए।
पिछले दिनों सरकार ने टैरिफ को भी बदला था, जिसमें नॉन डोमेस्टिक नॉन कॉमर्शियल उपभोक्ताओं की कुछ श्रेणियों को दी जाने वाली सबसिडी को खत्म कर दिया था। उनको जो सबसिडी दी जा रही थी, उसमें एक रुपया कम करने को कहा गया था। इस पर नियामक आयोग ने भी अपने निर्देश दे दिए, लेकिन टैरिफ को बदलने से इनकार किया। इसमें केवल सरकार को सबसिडी की राशि कम करनी है और बिजली बोर्ड को इसे खुद नए सिरे से लागू करना है।