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डाटा सेंटर्ज की साइट्स पर साइबर हमले, ऐसे करें बचाव

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भारत और पाकिस्तान के संघर्ष विराम के बाद बढ़ रहे अटैक
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद सरकार साइबर हमलों से बचने के लिए और ज्यादा सतर्क हो गई है। सरकार के सभी विभागों को साइबर सुरक्षा को लेकर कई निर्देश दिए गए हैं। वहीं, साइबर सैल शिमला ने भी साइबर अटैक को लेकर अलर्ट जारी किया है। नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर ने सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों को साइबर स्पेस में खतरे की बढ़ती आशंका के बारे में चेतावनी दी। उन्हें सरकारी संचार को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। संघर्ष विराम के बाद यह देखा गया है कि टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास ने अटैक के दायरे को बढ़ा दिया है और साइबर जोखिमों की जटिलता को बढ़ा दिया है।
साइबर सैल की ओर से वेबसाइटों, एप्लिकेशन और आईसीट इन्ंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित रखने के लिए एक आपातकालीन सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया था। सरकार के वित्तीय, बिजली और डाटा सेंटर जैसे विभागों पर हर दिन 30-40 बड़े साइबर हमले हो रहे हैं, जिन्हें नाकाम किया जा रहा है। ज्यादातर साइबर हमलों का मकसद वेबसाइट को बिगाडऩा, डाटा चुराना, नकली ट्रैफिक से वेबसाइट को बंद करना है। मौजूदा स्थिति और साइबरस्पेस में खतरे की बढ़ती आशंका को देखते हुए साइबर सैल शिमला ने सभी को सतर्क रहने की सलाह दी है।
ऐसे करें बचाव
डीआईजी मोहित चावला ने बताया कि साइबर हमले से बचाव के लिए समय-समय पर पासवर्ड बदलना, मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करना, संदिग्ध या स्पैम ईमेल से बचना, नेटवर्क से बिना पहचान वाले नेटवर्क डिवाइस को हटाना, सभी डिवाइस के आपरेटिंग सिस्टम को लेटेस्ट वर्जन/पैच में अपग्रेड करना और पुराने उपकरणों को नेटवर्क से हटाना शामिल है।