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जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ममता बनी कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी

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 जनजातीय क्षेत्र भरमौर के अंतर्गत आने वाली तहसील होली की ममता का चयन पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग हिमाचल प्रदेश के प्रभाग हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर हुआ है | हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा एवं साक्षात्कार में उतीर्ण होने के बाद उनका चयन इस पद के लिए हुआ है | ममता की प्रारम्भिक शिक्षा जनजातीय क्षेत्र भरमौर के सरकारी विद्यालय में हुई है | उसके बाद हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से बी. एस. सी की पढाई करने के बाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पंजाब से पर्यावरण विषय में एम. एस. सी. की पढाई पूरी की है वह पर्यावरण विषय में नेट जे. आर. ऍफ़. उतीर्ण है | उनके पिता कृषक एवं माता शिक्षिका हैं | पहाड़ में रहने के कारण बचपन से प्रकृति प्रेमी एवं परिश्रमशील स्वभाव के चलते आज वे इस उपलब्धि तक पहुंचे हैं | उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों एवं अपने मित्रों को दिया है | उनका कहना है कि वे अपने समुदाय और समाज की भलाई के लिए सदैव तत्पर है तथा पर्यावरण के संरक्षण हेतु कृतसंकल्प है | उनका विचार है कि वर्तमान में प्रत्येक नागरिक को संस्कृत वाक्य “ माता भूमि: पुत्र: अहं पृथिव्या: ” अर्थात्  प्रकृति हमारी जननी है और हम सब उसकी संतान हैं इस भाव को आत्मसात कर पर्यावरण के साथ मातृवत व्यवहार करते हुए पर्यावरण के संरक्षण हेतु सहयोग करना चाहिए |