253 पेयजल योजनाओं पर सूखे की मार
प्रदेश के 822 गांव और देहरा शहर मिलाकर एक लाख की आबादी प्रभावित
हिमाचल में एक तरफ जहां दिन का अधिकतम तापमान हर रोज नए रिकार्ड बना रहा है, वहीं दूसरी ओर पेयजल स्रोत भी सूख रहे हैं। वर्तमान महीने में 14 मई तक की रिपोर्ट का आकलन यदि किया जाए, तो जलशक्ति विभाग की 253 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है। इनमें से 24 पेयजल योजनाएं 50 से 75 फ़ीसदी तक सूख गई हैं, जबकि 69 पेयजल योजनाएं 25 से 50 फ़ीसदी तक सूखे से प्रभावित हुई हैं। सबसे ज्यादा 160 पेयजल योजनाओं में सूखे का 25 फ़ीसदी तक असर है। इस कारण 822 गांव की पेयजल सप्लाई प्रभावित हुई हंै। इससे पूरे प्रदेश में एक लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है। गर्मी का सबसे ज्यादा असर सोलन सर्किल में पड़ा है, जहां 60 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। शिमला सर्किल में 46, रिकांगपिओ में 20, हमीरपुर में 12, बिलासपुर में 40, धर्मपुर सर्किल में 20 पेयजल योजनाओं का पानी कम हुआ है। धर्मशाला सर्किल में 37 और नूरपुर सर्किल में 18 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं।
जल शक्ति विभाग पूरे प्रदेश को 10067 पेयजल योजनाओं के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाता है और वर्तमान गर्मी की स्थिति को देखते हुए दैनिक स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। अभी कम पानी की स्थिति को बाकी वॉटर सोर्सेस को टैप करके काम चलाया जा रहा है और हैंडपंप का इस्तेमाल हो रहा है। अभी भी विभाग ने किसी भी क्षेत्र में टैंकर सप्लाई का विकल्प नहीं लिया है। जलशक्ति की प्रमुख अभियंता अंजु शर्मा ने बताया कि सूखे की स्थिति अब सामने आ रही है और जून के महीने तक इसमें बढ़ोतरी भी हो सकती है। विभाग लगातार निगरानी कर रहा है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी टैंकर सप्लाई जैसी नौबत नहीं आई है। विभाग ने पानी की राशनिंग करके और अतिरिक्त स्रोत इस्तेमाल करके अभी काम चलाया हुआ है। प्रमुख अभियंता ने प्रदेश के लोगों से भी आग्रह किया है कि पेयजल का इस्तेमाल समझदारी से करें और इसे व्यर्थ न गवाएं, ताकि सभी को पानी उपलब्ध हो सके।