Bharmour

भरमौर में धार्मिक पर्यटन को नहीं लग पाए पंख…..

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भरमौर:एक और जहां नव वर्ष के शुभागमन के लिए हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, तथा खजियार में पर्यटकों की आवाजाही से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सभी वर्ग लाभान्वित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर भरमौर जहां विश्व प्रसिद्ध चौरासी मंदिर, धर्मराज मन्दिर,भरमाणी माता मंदिर और बनी माता मंदिर परंतु अभी भी मूलभूत सुविधाओं के आभाव के चलते सर्दियों में श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित नही कर पाते कोई भी श्रद्धालु या पर्यटक एक बार भरमौर भ्रमण पर आता है वह अगली बार यहां आने से पहले सौ बार सोचता है इसका प्रमुख कारण है सड़क सुविधा का दयनीय स्थिति में होना आज तक किसी भी राजनेता या प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सड़क सुविधा के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा गया जनता को सिर्फ भाषण और आश्वासन ही मिले है अगर आज सड़क सुविधा बेहतर होती तो प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों की तरह भरमौर में भी पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते तथा भरमौर के कारोबारियों की आर्थिक की भी सुदृढ़ होती 84 मंदिर जो सभी के लिए आस्था का प्रतीक है परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि एक विशेष वर्ग द्वारा इस पर अपना विशेषाधिकार समझ लेना कहीं ना कहीं अविकसित होने का कारण है भरमौर के इर्द-गिर्द गांव के लोग जो 84 में आते हैं कुछ मंदिरों में कुछ कई वर्षों से ताले लटके हुए हैं वहां कब पूजा अर्चना होती है कोई निश्चित समय नहीं है प्रशासन की उदासीनता के कारण दान पात्रों को आज तक उच्च स्थान नहीं मिल पाया है इस पर सभी राजनेता व भविष्य के नेता मूकबधिर हैं अर्ध गंगा जिसका उद्घाटन तीन से चार बार हो चुका है अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है 84 मंदिर परिसर का विकास भी ना के बराबर है हालांकि पंचायत के को प्रत्येक वर्ष लाखों की आमदनी मणिमहेश यात्रा में दुकानों के आवंटन से होती है फिर भी चौरासी परिसर भरमौर का विकास नहीं हो पाया है क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इसी प्रकार उदासीनता रही तो भरमौर धार्मिक पर्यटन दृष्टि से और भी पिछड जाएगा संसाधनों की कमी के बावजूद का थोड़े बहुत श्रद्धालु और पर्यटक आते है आते है वह भी सुविधाओं के अभाव के कारण नहीं आएंगे भविष्य की योजनाओं पर सभी को कार्य करना अति आवश्यक है विशेष कर यहां के स्थानीय निवासियों को बिना किसी के दवाब में बिना चाटुकारता के जटिल फैसले लेने होंगे ताकि भरमौर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।